उन दिनों कृत्रिम रेतन या विशुद्ध प्रजाति के बैल का वीर्य निकाल कर रखने जैसी बातें नहीं होती थीं।
2.
लेकिन गायों को अलग अलग रखकर उनके दूसरे, तीसरे, चौथे वंश तक उनका एक ही विशुद्ध प्रजाति के बैल से संमिलन करवाया जाता था।
3.
उनके प्रयोगों से वे बताते थे कि नॉन-डिस्क्रिप्ट गायों को विशुद्ध देशी नस्ल के बैल के साथ संकरित करने पर जो द्वितीय वंशजा गाय पैदा होगी उसे उसे फिर उसी विशुद्ध प्रजाति के बैल के साथ संकरित किया जाता है।